उद्यमियों ने दी गीडा के गलत निर्णयों की जानकारी
प्रमुख सचिव व औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन से मिलकर उद्यमियों ने गीडा प्रशासन के गलत निर्णयों की जानकारी दी और कहा कि इससे उद्यमी परेशान हैं। समिट व स्थापना दिवस समारोह में जो शासन की ओर से कहा गया था, गीडा प्रशासन उसके विपरीत काम कर रहा है। उद्यमियों ने इसे रोकने की मांग की।
उद्यमियों ने आयुक्त को दिए गए अपने मांग पत्र में कहा है कि चार दिसम्बर 2019 को गोरखपुर में आयोजित गीडा स्थापना दिवस के अवसर पर संस्था के पदाधिकारियों ने आप से मिल कर गीडा के कुछ समस्याओं पर ध्यान दिलाया था। जून 2014 में गीडा के औद्योगिक सेक्टर 15 में उद्यमियों को भूखण्ड आवंटित हुआ था परन्तु उस नये क्षेत्र के लिए नया विद्युत सब स्टेशन मार्च 2016 में बन कर तैयार हुआ। जहां से इस क्षेत्र को विद्युत आपूर्ति किया जाना था । गीडा के शर्तों के अनुसार उद्योग लगाने वाले लगभग 20 उद्यमियों का भूखण्ड मूल्य के 90 प्रतिशत मूल्य पर आवंटन तिथि से 31 मार्च 2016 तक शासन द्वारा व्याज माफ किया गया था। इसका मुख्य आधार मूलभूत सुविधाओं का विकास नहीं हो पाना था।
गीडा आवंटन तिथि से अविकसित समय यानी 31 मार्च 2016 तक का भी रख रखाव शुल्क मांग रही है जो कि न्यायसंगत नहीं है। इस सम्बन्ध में उचित निर्णय लेकर गीडा को निर्देशित करने की मांग की गई है। जुलाई 2015 में गीडा ने नया नियम विस्तारिकरण शुल्क लागू किया जो जलाई 2015 के बाद लागू होना चाहिए। परन्तु गीडा ने इस नियम को पूर्व के अर्थात जुलाई 2015 से पहले के उद्यमियों पर लागू कर दिया है। गीडा के इस गलत निर्णय से उद्यमी काफी अचंभित और परेशान हैं । यूपी इन्वेस्टर समिट में गोरखपुर उद्यमियों ने एमओयू साईन किये थे। उनमें से कई उद्योग चालू हो गये हैं लेकिन अभी तक उन्हें मिलने वाली छूट का लाभ नहीं मिला है। उद्यमियों को मिलने वाली छूट का लाभ जल्द दिलाने की मांग की गई है।